हमें बनाते हुए ख़ुद बिगड़ गया है ख़ुदा
By farhat-ehsasFebruary 6, 2024
हमें बनाते हुए ख़ुद बिगड़ गया है ख़ुदा
'अजीब लोगों की सोहबत में पड़ गया है ख़ुदा
चली वो शिद्दत-ए-ईमान की हवा-ए-ख़िज़ाँ
हमारी शाख़-ए-'अक़ीदत से झड़ गया है ख़ुदा
रफ़ू करे भी मोहब्बत तो किस जगह आख़िर
कि सर से पाँव तलक ही उधड़ गया है ख़ुदा
यहाँ ज़मीन से हम भी उखड़ के रह गए हैं
वहाँ जो अपने फ़लक पर उजड़ गया है ख़ुदा
ग़ज़ल नहीं है ये है बंदगी की क़ब्र 'एहसास'
सो ख़ाक-ए-बंदगी में आ के गड़ गया है ख़ुदा
'अजीब लोगों की सोहबत में पड़ गया है ख़ुदा
चली वो शिद्दत-ए-ईमान की हवा-ए-ख़िज़ाँ
हमारी शाख़-ए-'अक़ीदत से झड़ गया है ख़ुदा
रफ़ू करे भी मोहब्बत तो किस जगह आख़िर
कि सर से पाँव तलक ही उधड़ गया है ख़ुदा
यहाँ ज़मीन से हम भी उखड़ के रह गए हैं
वहाँ जो अपने फ़लक पर उजड़ गया है ख़ुदा
ग़ज़ल नहीं है ये है बंदगी की क़ब्र 'एहसास'
सो ख़ाक-ए-बंदगी में आ के गड़ गया है ख़ुदा
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