इक चराग़ और उजाले में न रख्खा जाए

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
इक चराग़ और उजाले में न रख्खा जाए
हम को इंसाफ़ के धोके में न रख्खा जाए
मुझ को जिस शख़्स का नश्शा है उसे ढूँढ के लाओ
मुझ को इन साँपों के नर्ग़े में न रख्खा जाए


इक हक़ीक़त से मुझे पर्दा उठाना है सो अब
मेरे किरदार को क़िस्से में न रख्खा जाए
लोग बेताब हैं दुनिया को जलाने के लिए
इस क़दर सोज़ भी बाजे में न रख्खा जाए


हम से लफ़्ज़ों में न की जाएगी मा'नी की तलाश
हुस्न इतना है तो पर्दे में न रख्खा जाए
21894 viewsghazalHindi