दूसरे नाम से जिया जाए

By nomaan-shauqueFebruary 28, 2024
दूसरे नाम से जिया जाए
ज़ह्र शोहरत है क्यों पिया जाए
हार माने पे वार क्या करना
'अक़्ल को रास्ता दिया जाए


ये भी मुमकिन है मर मिटें तुम पर
ये भी मुमकिन है जी लिया जाए
और कुछ ज़ेहन से निकलता नहीं
या'नी ख़ुद को भुला दिया जाए


आज यौम-ए-शहादत-ए-हक़ है
आज चुप-चाप रह लिया जाए
जिस्म के जागने का वक़्त है ये
अब मुझे लौटने दिया जाए


ख़ुश-गुमानी के जल चुके बाग़ात
अब तो क़िबला बदल लिया जाए
78822 viewsghazalHindi