अलग तुम से हुआ फ़िरक़ा हमारा

By hina-ambareenFebruary 6, 2024
अलग तुम से हुआ फ़िरक़ा हमारा
तुम्हारा तख़्त और तख़्ता हमारा
हमारी शान-ओ-शौकत याद रखना
पलट कर आएगा 'अर्सा हमारा


तुम्हारा नाम लिख कर आ गए हैं
बहुत अच्छा हुआ परचा हमारा
अगर तुम दम करो पलकें हमारी
न टूटेगा कोई सपना हमारा


हमारे बाप दादा चाँद से थे
वहीं पर था कहीं क़स्बा हमारा
चलो हम हिज्र को तक़्सीम कर लें
तुम्हारा निस्फ़ और आधा हमारा


हमारी चोट है सदियों पुरानी
ज़ियादा ज़ख़्म है गहरा हमारा
मोहब्बत से बनी मिट्टी हमारी
नहीं मिलता कहीं लहजा हमारा


नया माँ ने मोहब्बत से सिया था
पुराने सूट से बस्ता हमारा
58454 viewsghazalHindi