सभी हिंदी शायरी

अदब को इतना गिरा रहे हो कोई सुनेगा तो क्या कहेगा

अदब को इतना गिरा रहे हो कोई सुनेगा तो क्या कहेगा ...

aalam-nizami

अदब को इतना गिरा रहे हो कोई सुनेगा तो क्या कहेगा

अदब को इतना गिरा रहे हो कोई सुनेगा तो क्या कहेगा ...

aalam-nizami

मुँह जो देखे आईना गर काँच का

मुँह जो देखे आईना गर काँच का ...

aajiz-hengan-ghati

मुँह जो देखे आईना गर काँच का

मुँह जो देखे आईना गर काँच का ...

aajiz-hengan-ghati

निगाहों में इक़रार सारे हुए हैं

निगाहों में इक़रार सारे हुए हैं ...

aagha-akbarabadi

निगाहों में इक़रार सारे हुए हैं

निगाहों में इक़रार सारे हुए हैं ...

aagha-akbarabadi

मद्दाह हूँ मैं दिल से मोहम्मद की आल का

मद्दाह हूँ मैं दिल से मोहम्मद की आल का ...

aagha-akbarabadi

मद्दाह हूँ मैं दिल से मोहम्मद की आल का

मद्दाह हूँ मैं दिल से मोहम्मद की आल का ...

aagha-akbarabadi

जीते-जी के आश्ना हैं फिर किसी का कौन है

जीते-जी के आश्ना हैं फिर किसी का कौन है ...

aagha-akbarabadi

दिल में तिरे ऐ निगार क्या है

दिल में तिरे ऐ निगार क्या है ...

aagha-akbarabadi

दिल में तिरे ऐ निगार क्या है

दिल में तिरे ऐ निगार क्या है ...

aagha-akbarabadi

दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और

दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और ...

aagha-akbarabadi

दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और

दौर साग़र का चले साक़ी दोबारा एक और ...

aagha-akbarabadi

चाहत ग़म्ज़े जता रही है

चाहत ग़म्ज़े जता रही है ...

aagha-akbarabadi

चाहत ग़म्ज़े जता रही है

चाहत ग़म्ज़े जता रही है ...

aagha-akbarabadi

काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम

काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम

aadil-aseer-dehlvi

काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम

काग़ज़ तमाम किल्क तमाम और हम तमाम

aadil-aseer-dehlvi

क़रीब आ कि मोहब्बत का एहतिमाम करें

क़रीब आ कि मोहब्बत का एहतिमाम करें ...

dr.-yasin-aatir

मैं तुम्हारा रहा रात भर

मैं तुम्हारा रहा रात भर ...

aadarsh-dubey

मैं तुम्हारा रहा रात भर

मैं तुम्हारा रहा रात भर ...

aadarsh-dubey
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